नरकटियागंज मे शिक्षकों की भारी मात्रा मे रिक्त पदों और   बहाली संतोषजनक नही होने बी.आर.ए.बी.यू , मुजफ्फरपुर   के कुलपति के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त और प्रदर्शन किया गया 
      रिपोर्ट-अश्वनी सिंह /ब्यूरो चीफ

अतुल कुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि बी.आर.ए.बिहार विश्वविद्यालय , मुजफ्फरपुर के द्वारा टी.पी.वर्मा.काँलेज के प्रति सौतेला व्यवहार किया जा रहा है । ग्रामीण सुदूर थरूहट बहुल क्षेत्र अनुमंडल का एकमात्र डिग्री काँलेज जहाँ छात्रों का नामांकन होता है। लेकिन कितने ही विभागों में शिक्षकों के नही रहने से विभाग शून्य है लेकिन नामांकन भी होता है परीक्षा भी होती है और रिजल्ट भी घोषित होता है। वर्ग संचालन नही होता है। एक तरफ जहाँ सरकार उच्च शिक्षा की बाते कर रही है वही दूसरी ओर शिक्षको की बहाली नही होने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है ।
          अतुल कुमार ने बताया कि विदित हो कि टी.पी.वर्मा.काँलेज , नरकटियागंज मे भौतिकी , जंतु विज्ञान , वनस्पति विज्ञान , हिन्दी , मनोविज्ञान , भूगोल , राजनीति शास्त्र आदि के विभागों में एक भी शिक्षक नही है। जो शिक्षा जगत और गुणवत्ता पर बहुत बडा प्रश्न है।
                अखिलेश शर्मा ने बताया कि खासकर प्रैक्टिकल विषयों में लिखित परीक्षा के बाद जब प्रैक्टिकल की परीक्षा होती है और एक्सटर्नल आते है और मनचाहा नंबर देकर चले जाते है। शिक्षको के नही रहने और प्रैक्टिकल नही होने से छात्रों की जानकारी शून्य है जो उनके भविष्य के लिए हानिकारक है। विश्वविद्यालय रिक्त विभागों मे अगर शिक्षको की बहाली कर दे तो स्थिति सुधर सकती हैं नही तो तो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि महाविद्यालय केवल डिग्री देने वाली संस्था ही बन कर रह गई है जहाँ नाम लिखाओ और डिग्री पाओ ।

    रईस आलम ने बताया कि जहाँ आई.ए और आई.एस.सी मे कुल नामांकित छात्रो की संख्या 512+512 = 1024 है। वही स्नातक मे कला और विज्ञान मे सभी प्रतिष्ठा मे मिलाकर नामांकित छात्रों की संख्या 2250 है। यदि इंटरमीडिएट और बी.ए और बी.एस.सी मिलाकर पार्ट - 1, 2, 3 मे कुल नामांकित छात्रो की संख्या लगभग 8000 है। लेकिन शिक्षक सिर्फ आठ ! और चार शिक्षक रिटायर्ड होनेवाले है तो संख्या हो जाएगी चार । ऐसी स्थिति मे बिहार विश्वविद्यालय , मुजफ्फरपुर इन काँलेजो मे शिक्षको की बहाली नही करके छात्रो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बीपीएससी के माध्यम से लगभग सभी विषयों की शिक्षको की बहाली लगभग पूरी हो चुकी है । हाजीपुर , मुजफ्फरपुर , सीतामढी , मोतिहारी , बेतिया स्थित लगभग प्रत्येक काँलेजो को आशाअनुरूप काँलेजो मे शिक्षक मिले लेकिन टी.पी.वर्मा.काँलेज मे मात्र तीन ही शिक्षको की बहाली हुई जो बहुत ही असंतोषजनक है। उच्च शिक्षा पर बहुत बडा प्रश्न चिन्ह उठता है। छात्रो के साथ अन्याय किया जा रहा है। यहाँ के छात्र शिक्षक के अभाव में यहाँ से प्लायन के लिए विवश हैं। इसकी सारी जवाबदेही बिहार विश्वविद्यालय , मुजफ्फरपुर है।
           छात्राओं ने आरोप लगाया कि  अंग्रेजी , अर्थशास्त्र , गणित , उर्दू , इतिहास , प्राचीन इतिहास मे सीट से कम शिक्षक है  वही रसायन शास्त्र और अर्थशास्त्र के शिक्षक भी रिटायर के कगार पर है। हमलोगों की पढाई के साथ और भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
            आज काँलेज मे उपयुक्त विषयों को लेकर नाराजगी वयक्त किया गया और प्रदर्शन किया गया । आक्रोश और प्रदर्शन के दौरान अतुल कुमार , दीपक पाठक , अखिलेश शर्मा , रईस आलम , अखिल श्रीवास्तव , राजन कुमार , विवेक कुमार मिश्रा , मनीष कुमार , संतोष कुमार , साजिद अली , गुडू कुमार , निशा कुमारी , बेबी कुमारी , मानसी कुमारी , खुशबू कुमारी , अल्पना कुमारी , सुकृति कुमारी , स्वेता पाठक , अभिनव कुशवाहा , विकास कुमार दास , अभिनल कुमार , अंकित राज , राजन कुमार , म. अशरफ अली  , रौबिन कुमार आदि ने विश्वविद्यालय को जिम्मेदार ठहराया ।

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