फर्जी प्रमाण पत्र पर 2006 से कार्यरत प्रखंड के दो शिक्षकों को हटाया गया
गौनाहा : फर्जी प्रमाण पत्र पर 2006 से कार्यरत प्रखंड के दो शिक्षकों की नौकरी चली गई है। इस आशय की पुष्टि करते हुए बीईओ गगन देव राम ने बताया कि बेलसंडी पंचायत के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कि टिकुल टोला बेलसंडी में प्रधान शिक्षक नुरुल होदा का प्रमाण पत्र जाली होने के कारण उन्हें हटा दिया गया है। ऐसे ही राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय थरूवा टोला पिपरा में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत चंद्रभूषण सहाय प्रमाण पत्र जाली पाया गया है।चंद्रभूषण सहाय भी 2006 से उक्त विद्यालय में कार्यरत जिनका प्रमाण पत्र जाँच के दौरान फर्जी पाया गया है।विदित हो कि चन्द्रभूषण सहाय उक्त विद्यालय में पहले प्रधान शिक्षक के पद पर कार्यरत थे, लेकिन वर्तमान में नियमित शिक्षक के आ जाने के कारण वे सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे दो शिक्षको की नौकरी चले जाने से शेष फर्जी शिक्षकों में हड़कम्प मचा हुआ है। प्रखण्ड व जिला के नई जिला माफियाओ के कारण अभी भी फर्जी प्रमाण पत्र पर प्रखण्ड के सैकड़ो शिक्षक नौकरी कर मानदेय उठा रहे है। जब जिला से प्रमाण पत्र जांच के लिए मांगी गई तो शिक्षा विभाग के उच्च पद पर पदस्थापित उन्ही शिक्षकों का प्रमाणपत्र जिला को भेजते है, जिनका प्रमाण पत्र सही होता है। इधर राजद प्रखण्ड अध्यक्ष बैधनाथ यादव का कहना है कि सभी शिक्षकों का प्रमाणपत्र जांच हेतु जिला में एक साथ भेजा जाता है तो सैकड़ो शिक्षक जाली प्रमाण पत्रों के घेरे में आ जाते है।
गौनाहा : फर्जी प्रमाण पत्र पर 2006 से कार्यरत प्रखंड के दो शिक्षकों की नौकरी चली गई है। इस आशय की पुष्टि करते हुए बीईओ गगन देव राम ने बताया कि बेलसंडी पंचायत के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कि टिकुल टोला बेलसंडी में प्रधान शिक्षक नुरुल होदा का प्रमाण पत्र जाली होने के कारण उन्हें हटा दिया गया है। ऐसे ही राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय थरूवा टोला पिपरा में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत चंद्रभूषण सहाय प्रमाण पत्र जाली पाया गया है।चंद्रभूषण सहाय भी 2006 से उक्त विद्यालय में कार्यरत जिनका प्रमाण पत्र जाँच के दौरान फर्जी पाया गया है।विदित हो कि चन्द्रभूषण सहाय उक्त विद्यालय में पहले प्रधान शिक्षक के पद पर कार्यरत थे, लेकिन वर्तमान में नियमित शिक्षक के आ जाने के कारण वे सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे दो शिक्षको की नौकरी चले जाने से शेष फर्जी शिक्षकों में हड़कम्प मचा हुआ है। प्रखण्ड व जिला के नई जिला माफियाओ के कारण अभी भी फर्जी प्रमाण पत्र पर प्रखण्ड के सैकड़ो शिक्षक नौकरी कर मानदेय उठा रहे है। जब जिला से प्रमाण पत्र जांच के लिए मांगी गई तो शिक्षा विभाग के उच्च पद पर पदस्थापित उन्ही शिक्षकों का प्रमाणपत्र जिला को भेजते है, जिनका प्रमाण पत्र सही होता है। इधर राजद प्रखण्ड अध्यक्ष बैधनाथ यादव का कहना है कि सभी शिक्षकों का प्रमाणपत्र जांच हेतु जिला में एक साथ भेजा जाता है तो सैकड़ो शिक्षक जाली प्रमाण पत्रों के घेरे में आ जाते है।
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