वन कर्मियों के छापेमारी में समाजसेवी डी आनंद के घर   पकड़ी गई तस्करी की लकड़ी 

औजार सहित अर्ध निर्मित पलंग एवं एक अदद गुल्ली जप्त।
अश्वनी सिंह/ब्यूरो चीफ
बाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के जटाशंकर परिसर ई टाइप कॉलोनी एवं वन कक्ष संख्या टी 2मे छापेमारी कर वन कर्मियों ने समाजसेवी एवं जल संसाधन विभाग में कार्यरत कर्मचारी आनंद उर्फ दयानंद के घर तस्करी का लकड़ी बरामद किया गया है । बताते चलें कि अपने आपको समाज सेवी कहने वाले डी आनंद उर्फ दयानंद के घर कई दिनों से जंगल की कीमती लकड़ी को काटकर भंडारण किया गया था और फर्नीचर बनाने का काम उनके घर चल रहा था। इस बाबत जानकारी देते हुए वनपाल प्रभाकर कुमार सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि दयानंद जो जल संसाधन विभाग में चित्रक के पद पर कार्यरत हैं वह जंगल के कीमती लकड़ियों को कटवा कर अपने घर फर्नीचर बनवा रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर वनपाल विजय कुमार पाठक के साथ वन कर्मियों की एक टीम गुरुवार की सुबह दीया नंद के घर पर छापेमारी की जिसमें उनके घर से अर्ध निर्मित पलंग की लकड़ी एक अदद सतसाल की गुल्ली समिति बढ़ई का औजार बरामद किया गया है। वन कर्मियों की माने तो डी आनंद अपने समाजसेवी होने के नाम पर बहुत सारे जंगल की लकड़ियों का तस्करी करने में माहिर हैं पूर्व से ही उनके घर में जंगल के लकड़ियों का बना हुआ पलंग एवं चौकी रखा गया है लेकिन कोई सबूत नहीं मिल पाने के कारण उनके ऊपर वन विभाग के द्वारा कार्यवाही नहीं हो पा रही थी। बताते चलें कि डी आनंद सरकारी कर्मचारी होते हुए भी एक दिन वह अपना कर्तव्य पर उपस्थित नहीं हो पाते हैं जिनके विरुद्ध में पूर्व में ही लिखित आवेदन विभाग के बड़े अधिकारियों को दिया गया था। डी आनंद नेपाल की त्रिवेणी में महाआरती कार्यक्रम का संयोजक भी हैं वे महा आरती में आने वाली पूरे रुपए का दुरुपयोग कर अपना बैंक बैलेंस करते हैं। ऐसा व्यक्ति बाल्मीकि नगर में पहली बार उजागर हुआ है कि अपने सामाजिकता की आर्मी जंगल की कीमती लकड़ियों का तस्करी कर स्वयं का घर भरता है। इस बाबत जानकारी में वनपाल प्रभाकर कुमार सिंह ने बताया कि आनंद के खिलाफ है वन अधिनियम के तहत वन तस्कर का आरोप लगाते हुए उन पर शीघ्र ही कानूनी कार्यवाही करेगी। अभी सामान बरामद हो चुका है आने वाले समय में डी आनंद उर्फ दयानंद के खिलाफ वन अधिनियम एवं तस्करी के आरोपी मानते हुए उन पर एफ आई आर दर्ज किया जाएगा। पत्राचार के माध्यम से आला अधिकारियों को भी इसमें संदीप थे सरकारी कर्मचारी एवं समाज से ही भी कहे जाने वाले डी आनंद के विरुद्ध अपनी ड्यूटी से विमुख रहने के ऊपर भी कार्यवाही करने की भरोसा की जाती है ताकि वे अपने कर्तव्य पर हाजिर रहे।

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