फ़ाइलेरिया एमडीए कार्यक्रम को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित  
7 अगस्त से घर-घर जाकर खिलाई जाएगी दवा
शत-प्रतिशत दवा सेवन सुनिश्चित कराने के लिए बेहतर पर्यवेक्षण  

रिपोर्ट :- शेखर
बेतिया/ 27 जुलाई: फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में 7 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत होगी। यह कार्यक्रम 14 दिनों तक चलेगी। इसको लेकर शनिवार को एमजेके गवर्नमेंट अस्पताल में प्रशिक्षकों की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान एमडीए कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जरूरी सूक्ष्म कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा की गयी एवं इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर जिला सिविल सर्जन ने डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि 7 अगस्त से पूरे जिले में फ़ाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान को सफ़ल बनाने में डब्ल्यूएचओ एवं पीसीआई भी सहयोग करेंगे।  इसके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना के मुताबिक कार्य कर दवा के शत-प्रतिशत सेवन को सुनिश्चित करेंगे। अभियान के दौरान लोगों को घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए 2 ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर की एक टीम बनाई जाएगी। ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर( आशा,आंगनवाड़ी एवं अन्य वालंटियर) द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी. एक टीम एक दिन में 40 से 50 घरों का दौरा कर लक्षित समूह को सिर्फ़ दवा न वितरण नहीं करेंगे बल्कि उन्हें अपने सामने दवा खिलाएंगे.
जिला अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. किरण ने बताया अभियान के दौरान प्रतिदन छुटे हुए व्यक्तियों को पुनर्भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी. ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर के लिए चयनित पर्यवेक्षक एक दिन में लगभग 30 घरों का निरीक्षण कर फॉरमेट भरेंगे। साथ ही शत-शत लोगों को दवा सेवन सुनिश्चित कराने के लिए ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर दौरा किए घरों की दीवारों पर मर्किंग भी करेंगे। जिसमें हाउस नंबर के साथ दिनांक भी दीवारों पर दर्ज करेंगे।  इससे कार्यक्रम कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने में आसानी होगी। एमडीए पूर्ण रूप से सुरक्षित है लेकिन दवा खाने के बाद कभी-कभी साइड इफेक्ट्स जैसे बुखार, चक्कर, मिचली या उल्टी आ सकती है. इस प्रकार की विषम परिस्थितियों का सफलतापूर्वक निस्तारण के लिए प्रखंड एवं जिला स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया जाएगा.
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ। दिवाकर प्रसाद ने बताया कि इस अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियाँ लोगों की दी जाएगी.2 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी. एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है. डीईसी की गोली खाली पेट नहीं खाना है. हर व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन करना है. केवल गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करना है। दो साल से पाँच साल तक के बच्चे  भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं। स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है।
इस दौरान डब्ल्यूएचओ एसमओ अंकुर नायर, जिला पीसीआई समन्वयक रोहित कुमार, सभी पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी एवं बीएचएम के अलावा जीविका,आईसीडीएस एवं शिक्षा विभाग के अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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