नीतीश सरकार को बड़ा झटका, केंद्र ने टीईटी सर्टिफिकेट की मान्यता 2 साल बढ़ाने से किया इंकार,बिहार के शिक्षक नियोजन में फंसा पेंच
अश्वनी कुमार / ब्यूरो चीफ
बिहार के टीईटी शिक्षक अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका मिला है।भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब TET सर्टिफिकेट की मान्यता नहीं बढ़ाई जाएगी।केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्पष्ट कर दिया है कि NCTE के गाइडलाइन के मुताबिक वैधता 7 वर्षों तक ही सीमित रहेगी।
केंद्रीय मंत्री के इस स्पष्ट बयान के बाद बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा है।दरअसल बिहार सरकार ने TET सर्टिफिकेट्स की वैधता 2 साल बढ़ाने का निर्णय किया था.
केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि NCTE के प्रावधान के अनुसार सर्टिफिकेट की मान्यता 7 साल की होती है।जिन लोगों की समय सीमा खत्म हो गई है वे फिर से TET परीक्षा उतीर्ण करें।सदन में सरकार के इस वक्तव्य के बाद बिहार में शिक्षक बहाली के लिए तैयारी कर रही राज्य सरकार के लिए एक मुश्किल स्थिति सामने आ गई है।
अभी हाल में बढ़ी थी
बता दें कि 1 जून 2019 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की बैठक में निर्णय लिया गया था कि TET और STET सर्टिफिकेट की वैधता खत्म नहीं होगी।इसके बाद शिक्षा विभाग ने समय सीमा बढ़ाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी थी।
बता दें कि 2012 और 2017 में आयोजित TET परीक्षा में 1 लाख 11 हजार 484 अभ्यर्थी पास हुए थे। 2012 में पास हुए 65984 अभ्यर्थियों कीवैधता समाप्त मई में हीसमाप्त हो गई थी। ऐसे में वे शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाते।इसी वजह से राज्य सरकार ने उनकी वैधता दो साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया था।लेकिन अब केंद्र सरकार के इस पेंच के बाद बिहार सरकार एक बार फिर से मुश्किल में पड़ गई है।.
अश्वनी कुमार / ब्यूरो चीफ
बिहार के टीईटी शिक्षक अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका मिला है।भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब TET सर्टिफिकेट की मान्यता नहीं बढ़ाई जाएगी।केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्पष्ट कर दिया है कि NCTE के गाइडलाइन के मुताबिक वैधता 7 वर्षों तक ही सीमित रहेगी।
केंद्रीय मंत्री के इस स्पष्ट बयान के बाद बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा है।दरअसल बिहार सरकार ने TET सर्टिफिकेट्स की वैधता 2 साल बढ़ाने का निर्णय किया था.
केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि NCTE के प्रावधान के अनुसार सर्टिफिकेट की मान्यता 7 साल की होती है।जिन लोगों की समय सीमा खत्म हो गई है वे फिर से TET परीक्षा उतीर्ण करें।सदन में सरकार के इस वक्तव्य के बाद बिहार में शिक्षक बहाली के लिए तैयारी कर रही राज्य सरकार के लिए एक मुश्किल स्थिति सामने आ गई है।
अभी हाल में बढ़ी थी
बता दें कि 1 जून 2019 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की बैठक में निर्णय लिया गया था कि TET और STET सर्टिफिकेट की वैधता खत्म नहीं होगी।इसके बाद शिक्षा विभाग ने समय सीमा बढ़ाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी थी।
बता दें कि 2012 और 2017 में आयोजित TET परीक्षा में 1 लाख 11 हजार 484 अभ्यर्थी पास हुए थे। 2012 में पास हुए 65984 अभ्यर्थियों कीवैधता समाप्त मई में हीसमाप्त हो गई थी। ऐसे में वे शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाते।इसी वजह से राज्य सरकार ने उनकी वैधता दो साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया था।लेकिन अब केंद्र सरकार के इस पेंच के बाद बिहार सरकार एक बार फिर से मुश्किल में पड़ गई है।.
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